भारत मे गवार फली की सबसे ज्यादा खेती होती है। गवार फली को सब्जी के रूप में पका कर खाया जाता है। गवार फली को अलग अलग प्रदेश में अलग अलग नाम से जाना जाता है। मध्यप्रदेश में चतरफली के नाम से भी जाना जाता है। पशुओं को गवार खिलाने से पशुओ में ताकत बढ़ती है। दुधारू पशु को खिलाने से दूध की क्षमता बढ़ती है।
गवार फली की सब्जी की बात करे तो स्वाद में भले ही लाजवाब न हो, लेकिन अगर इसमे गुणों की बात करे तो यह हमारी सेहत के लिए लिए बहुत ही फायदेमंद होती होती है। गवार फली को क्लस्टर बिन्स के नाम से भी जाना जाता है, जिसमे पोषक तत्वों की भरमार होती है।
गवार फली में अनेक ओषधिय गुण पाए जाते है।
अगर आप गवार फली का उपयोग रोज करते है तो बढ़ते वजन के लिए बहोत ही फायदेमंद होती है। हार्ट से सम्बंधित परेशानी को भी दूर किया जा सकता है।
गवार के फायदे
कोलेस्टेरोल को कम करे
गावर फली में डायटरी फाइबर पाया जाता है,जो कोलेस्टेरोल को कम करने में अहम भूमिका निभाता है,गवार फली हार्ट के लिए भी अछि है,क्योकि ldl या खराब कोलेस्टेरोल लेवल को कम करने में मदद करता है.इसमें मौजूद डायटरी फाइबर,फोलेट और पोटेशियम ह्दय संबंधी समस्या से सुरक्षा प्रदान करते है.हड्डियों के लिए
गवार फली को केल्शियम का भंडार मन जाता है,हड्डियों को मजबूत करने के लिए केल्शियम जरुरी है,इस लिए गवार फली को अच्छा माना जाता है.कब्ज के लिए
जिसे कब्ज की समस्या है व् अपनी खोराक में गवार फली को शामिल करे,गवार फली में मोजूद फाइबर कब्ज की समस्या कम करने में सहायक है. गवार फली का नियमित सेवन से पाचन संबंधी समस्या भी आसानी से दूर होती है.डायबिटीज के मरीजो के लिए फायदेमंद
डायबिटीज के मरीजो को नियमित रूप से गवार की फली का सेवन से ब्लड शुगर नहीं बढ़ता है,गवार के नुकसान
● गवार पाचन में भारी होती है, गवार ठंडक प्रकुति की है और ठंडक पहोचने वाली है, इसलिए गवार का अधिक सेवन कफ की शिकायत हो सकती है।
● गवार में सूखने की क्षमता अधिक होती है, इस रूप में, गवार कम पानी मे इतने पानी को अवशोषित करता है कि यह सामान्य आकर में 20 गुना बड़ा हो सकता है। जिससे यह आत में फ़ंश सकता है।
● गवार का सेवन करने से दवाओं और खनिजो के अवशोषण के साथ हस्तक्षेप कर सकती है। यदि आप दवाई लेते है तो गवार फली का सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद ही करे।
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